''संगीत मनीषी'' पं; क़ृष्‍ण शंकर शुक्‍ल।


  पं; क़ृष्‍ण शंकर शुक्‍ल की गणना  भारत के प्रसिध्‍द संगीतकारों में की जाती है। आपका जन्‍म 17 अगस्‍त 1911 को उज्‍जैन में हुआ था। विद्यार्थी जीवन से ही संगीत में विशेष रूचि के कारण आप संगीत साधना में लग गये तथा देश के प्रसिध्‍द संगीतकार  स्‍व; रजबअली खां साहब  के पास  15 वर्षों तक देवास में रह कर संगीत साधना की तथा विभिन्‍न राग रागिनियों एवं वाद्यवादन में प्रवीणता प्राप्‍त की। सन 1940 में भातखण्‍डे  संगीत विद्यालय  से संगीत विशारद की परीक्षा उत्‍तीर्ण की। आपकी संगीत साधना से प्रभावित हो भारतेन्‍दु साहित्‍य समिति विलासपुर ने आपको ''संगीत मनीषी'' की उपाधि से सम्‍मानित किया। झालावाड और बडवानी रियासत  के महाराजाओं ने भी आपका सम्‍मान किया ।
      1950 से 1959 तक आने कई फिल्‍मों में सहायक संगीत निर्देशक का काम किया। आपके सुपुत्र श्री उमाशंकर  शुक्‍ल  भी प्रसिध्‍द सितार वादक हैं। 1960 में आपने  सांस्क़ृतिक मंडल के साथ अफगानिस्‍तान की यात्रा कर चुके हैं। संगीत एवं कला की एकान्‍त साधना आपकी सफलता की कुंजी है। आप जाति के गौरव हैं।
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